उदयीमान सूर्य को दिया अर्घ्य ,छठ पर्व का हुआ समापन, घाटों पर गूंजे पारंपरिक गीत

 

 

 

 

रिपोर्ट-संजय कुमार, भागलपुर

 

 

 

भागलपुर, सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व छठ पूजा का आज सुबह सूर्योदय के बाद अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया ,व्रत रखने वाले लोगों ने अर्घ्य देने के बाद पारण कर अपना व्रत खोला । लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन सुबह भागलपुर व भागलपुर के आसपास के विभिन्न गंगा घाटों तालाबों जलाशय एवं अपने घरों में छठ करने वाले लाखों छठ व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा अर्चना की इसी के साथ 4 दिनों तक चले छठ पर्व का समापन हो गया, छठ पर्व को लेकर सड़कों से लेकर मुहल्लों की गलियों तक में छठ के कर्णप्रिय मधुर पारंपरिक गीत गूंज रहे,मोहल्लों से लेकर गंगा तटों तक साफ-सफाई देखी गई वहीं खतरनाक घाटों की वेरीकेटिंग की गई थी, किसी भी घटना की आशंका को लेकर सभी घाटों पर पुलिस बल तैनात थे, दंगा नियंत्रण बल, बिहार पुलिस, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम, सीआईटी की टीम के अलावे एंबुलेंस अग्निशमन सेवा की पूरी टीम व चिकित्सकों द्वारा शिविर लगाए गए थे। भागलपुर व भागलपुर के आसपास के सभी गंगा घाटों को नगर निगम व स्थानीय समितियों व समाज के युवाओं द्वारा साफ सफाई के साथ-साथ रंगीन राशियों से सजाया गया था, भगवान भास्कर के उगते ही लोगों ने जय छठी मैया और सूर्य भगवान के नारे से गुंजायमान वातावरण देखते ही बन रहा था। भगवान भास्कर की आराधना के लिए खरना किया गया खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया, पर्व के तीसरे दिन शाम का डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया उसके बाद सुबह का उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का छठ पर्व समाप्त हुआ इसके बाद व्रती अन्न जल ग्रहण किए।

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