फरियाद लगाने विश्वविद्यालय लड़कियों का जत्था पहुंची विश्वविद्यालय न  कुलपति मिले ,ना ही रजिस्टर मिले

रिपोर्ट संजय कुमार भागलपुर 

 

तिलकामांझी भागलपुर विश्ववतिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की लड़कियां इस योजनाओं से दूर दूर तक वंचित है ऐसा ही कुछ मामला विश्वविद्यालय में लगातार चल रहा है और यह मामला आज तक तूल पकड़ लिया जब विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अरुण कुमार सिंह ने बच्चियों को साफ तौर पर कह दिया सरकार से पैसा लेना इतना आसान नहीं, अब सवाल यह उठता है कि जब पदाधिकारी ही ऐसी बात कर रहे हैं तो फिर आम आदमी क्या करें।

 

आज जब अपनी फरियाद लगाने विश्वविद्यालय लड़कियों का जत्था पहुंची तो विश्वविद्यालय में न तो कुलपति मिले ना ही रजिस्टर मिले और ना ही प्रति कुलपति मिले अब अपनी फरियाद यहां की छात्रा सुनाएं तो किसे सुनाएं।

जब पत्रकार ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से पूछा कि आखिर आपने छात्राओं को यह क्यों कहा कि सरकार से पैसा लेना इतना आसान नहीं तो इस पर पहले तो वह काफी गुस्से में आग बबूला हो गए फिर जब उन्होंने कैमरा देखा तो फिर अपने आप को संभालते हुए कहा मैं गुस्से में नहीं हूं साथ ही उन्होंने कहा सचमुच सरकार से पैसा निकालना इतना आसान नहीं।

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आशुतोष तोमर ने कहा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक जैसे कुर्सी पर आसीन पदाधिकारी की टिप्पणी अगर इतनी घटिया होगी तो फिर विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं का क्या भविष्य होगा आप आंक सकते हैं, वहीं उन्होंने कहा वह पदाधिकारी जिन्होंने ऐसी टिप्पणी की है उन्हें भी सरकार से ही वेतन मिलता है अगर वह ऐसी बात कर रहे हैं तो उन्हें भी उस कुर्सी पर बैठकर सरकार का वेतन लेना कहीं से लाजमी नहीं है।
दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुणाल पांडे ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा में भागलपुर पहुंचे लेकिन उन्हें भागलपुर तिलकामांझी विश्वविद्यालय भी आना चाहिए था क्योंकि जिस विश्वविद्यालय के कुलपति दिनकर जैसे विद्वान हुआ करते थे आज विश्वविद्यालय की स्थिति इतनी बद से बदतर है कि यहां के छात्र व छात्राएं काफी परेशान रहते हैं,

 

आए दिन विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी रहता है, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कन्या योजना भागलपुर में पूर्णरूपेण उदासीन दिख रही है यहां के पदाधिकारी भी इसे संज्ञान में नहीं ले रहे।

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