पीरपैंती के हीरानंद मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापिका को किया जा रहा प्रताड़ित,

 

 

रिपोर्ट अमन कुमार पीरपैंती 

 

 

हरिनकोल पंचायत के हीरानंद मध्य विद्यालय में मुखिया के साथ मिलकर अभिभावकों ने किया हंगामा,अभिभावक सुनील सिंह का कहना था कि उनकी दो पुत्रियां इस स्कूल में पढ़ती थी, 4 महीने पहले उन्होंने अपनी बच्चियों का नामांकन अन्य जिले में करवाने के लिए विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र की मांग की जिसमें प्रधानाध्यापिका साक्षी कुमारी ने प्रमाण पत्र में गलत नाम दे दिया था,देखे जाने पर उसमें सुधार की बात करने पर वाइटनर से नाम मिटा कर सुधार किया गया जिसे अन्य स्कूल जहां उन्होंने नामांकन के लिए आवेदन किया था वहां के प्रधानाध्यापक ने अस्वीकार कर दिया व फ्रेस सर्टिफिकेट लाने को कहा,अब प्रधानाध्यापिका साक्षी कुमारी का कहना है गांव के ही पंकज कुमार
जो इस विद्यालय में 20 वर्ष से शिक्षक हैं
उन्हीं के द्वारा बिना किसी प्रमाणपत्र के दोनों बच्चियों का एडमिशन विद्यालय में किया गया था, पंकज कुमार हमेशा कोई ना कोई विवाद खड़ा करते हैं और हमें मानसिक प्रताड़ना देते हैं ।मुखिया दीपक सिंह के साथ मिलकर स्कूल के सरकारी कार्यों में बाधा डाला,वही प्रधानाध्यापिका ने बताया विद्यालय परिसर में मुर्दाबाद के नारे लगाएं शिक्षा के मंदिर में मुर्दाबाद का नारा लगाना कहां तक सही है।इससे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है तथा सारे शिक्षकों के सामने मुझे बद्दी बद्दी गालियां दिया गया, बाद में वहां सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष वरुण गोस्वामी भी स्कूल पहुंचे और अभिभावकों को शांत कराया और उन्होंने बताया प्रधानाध्यापिका को टारगेट किया जा रहा है वही प्रधानाध्यापिका ने बताया उन पर दबाव देकर व अधिकारियों के विरुद्ध लिखने का दबाव कुछ अभिभावकों व अनेक गैर अभिभावकों द्वारा बनाया जा रहा है इस संदर्भ में मुखिया दीपक सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया मैडम के द्वारा विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं बनाया जाता है,लेकिन प्रधानाध्यापिका ने बताया दुर्गा पूजा के बाद 2 दिन विद्यालय में खाना नहीं बना था,जिसकी सूचना मैंने अपने ऊपर के वरीय पदाधिकारी को दिया था ।प्रधानाध्यापिका ने स्थानीय मुखीया और ग्रामीण पर आरोप लगाते हुए पीरपैती थाना में इसकी लिखित शिकायत कर अज्ञात लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराया ,उन्होंने बताया रास्ते में रोककर मुझे टॉर्चर किया जाता है मुझे अपनी जान का डर है इस वजह से मैंने प्रशासन का सहारा लिया।

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